हिमाचल जैसे इलाकों की जलवायु इसकी खेती के लिए परफेक्ट है जहां किसाने के पास बहुत कम जमीन होती है। ये सबसे तेज उगने वाले पोधों में से एक है जिसे न तो फर्टीलाइजर्स की जरूरत होती है न ही ज्यादा पानी की। इसी के साथ इसके 25000 से ज्यादा उपयोग हैं। इंडिया में केवल इंडस्ट्रियल हेम्प अलाउड है वो भी जब इसका THC लेवल 0.3% से कम हो। THC का मतलब पौधे की नशीली प्रॉपर्टीज, लेकिन इंडिया में नैचरली उगने वाले Hemp (गांझे) का लेवल इससे ज्यादा होता है। लेवल मेंटेन करने के लिए इसे बीज को बाहर से इंपोर्ट करना होता जो किसाने को महंगा पड़ेगा, साथ ही ये देसी और खुद ब खुद उग जाने वाले पौधे के बीच मिक्स भी हो सकते है। THC की वजह से पौधे की इतनी सारी खासियतों को नजरअंदाज करना क्या समझदारी है? आप बताइए
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